ब्रेक ठीक करुगा

एक अंधेरी रात में‚ एक छोटे शहर के बाहर स्थानीय रासायनिक संयंत्र में आग लग गयी। बहुत जल्दी आग चारों तरफ फैल गयी और दूर दूर के अग्निशामक विभागों में खतरे की घंटी बजने लगी।एक घंटे तक आग से जूझने के बाद कम्पनी का अध्यक्ष अग्नि दल प्रमुख के पास पहुंचा और उससे कहा‚"हमारे सभी गुप्त फार्मूले संयंत्र के बीच में एक वॉल्ट में बंद हैं। उन्हें बचाना ही है। मैं 50000 रू . दूंगा‚ उस इंजिन कंपनी को जो उसे बचा कर लाएगी।"
जैसे ही अग्निदल प्रमुख ने यह सुना उसने सभी व्यक्तियों को बचाव कार्य में और तेजी लाने का आदेश दिया। दो घंटे बीत जाने के बाद संयंत्र के अध्यक्ष ने राशि बढ़ाकर 1 लाख कर दी। तभी दूर एक लंबा सायरन सुनायी दिया और एक और अग्निशामक ट्रक नजर में आया। यह एक स्थानीय अग्निशामक दल था‚ जिसमें सभी व्यक्ति 65 साल से अधिक उम्र के थे।
सब को हैरत में डालते हुए वो छोटा सा दल सीधे संयंत्र के अन्दर घुस गया और ठीक बीच में पहुंच गया। दूर से बाकी लोगों ने देखा कि उन वृद्‌ध व्यक्तियों ने अपने उपकरण निकाले और आग बुझाने के प्रयास में इस तेजी और फुर्ती से जुट गये जैसा कि उन्होंने आज तक नहीं देखा था।
एक घण्टे की जबरदस्त मेहनत के बाद उन स्वयंसेवकों ने आग पर काबू पा लिया और गुप्त फार्मूलों को बचाने में सफल हो गये। खुश होकर संयंत्र अध्यक्ष ने घोषणा की कि उसने इनाम की राशि को दुगुना यानी 2 लाख कर दिया है और खुद व्यक्तिगत रूप से उसने हर स्वयंसेवक को धन्यवाद दिया। सभी को धन्यवाद देने के बाद उसने बचाव दल से पूछा कि इस धन से उनका क्या करने का इरादा है।
ट्रक के चालक सीथे उसकी आंखों में झांककर कहा‚"सबसे पहला काम तो इन ब्रेकों को ठीक कराना है।"

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